Tuesday, June 15, 2021

राम तो सबके हैं, लेकिन मंदिर पर अधिकार चंपत जी की टीम का ही है, जान लीजिए व्‍यर्थ में दु:खी नहीं होंगे

लखनऊ। पिछले कई दिनों से राम मंदिर ट्रस्‍ट, आयोध्‍या द्वारा खरीदी गई जमीन के मामले में बवाल कटा पड़ा है। लेकिन बवाल क्‍यों है शायद ये ज्‍यादातर बवाल करने वालों को भी नहीं मालूम होगा। कुछ भी मुद्दा मिला बस रायता फैलाना शुरू कर दिए, भले ही रायते में स्‍वाद न हो। 

दरअसल समस्‍या की मूल मेंं श्रीराम पर हमारी गहरी आस्‍था है। शायद इसीलिए उनके नाम पर कुछ भी होता है तो बिना सोचे समझे सोशल मीडिया पर रायता फैलाना शुरू कर देते हैं। रायता फैलाइये, उसका स्‍वाद भी लीजिए लेकिन दूसरों के साथ ही खुद काे भी दुखी न करिए। 

हमारे एक मित्र कहते हैंं राम के नाम पर सवाल करने का क्‍या तुक है ? जमीन चाहे 2 करोड़ की खरीदी जाये या 200 करोड़ की। लेकिन फिर भी दर्द तो हाेता है। राम का नाम जो जुड़ा है।

एक बात तो समझ लीजिए क‍ि राम सबके हैं इसमें कोई संशय नहीं है। लेकिन राम मंदिर पर अधिकार सिर्फ ट्रस्‍ट का है। दर्शन सभी भक्‍तों को मिलेंगे लेकिन मंदिर के रखरखाव की जिम्‍मेदारी ट्रस्‍ट की है। तो उससे सम्‍बंधित जमीन बेचने, खरीदने, चंदा, चढ़ावा हर चीज की जिम्‍मेदारी और रखरखाव ट्रस्‍ट का ही है। इसके लिए किसी और को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। न ही ट्रस्‍ट के अलावा किसी और का कोई अधिकार है। 

सबका अधिकार सिर्फ राम पर है, तो आंख बंद कीजिए और राम जी के दर्शन कीजिए बस। बाकी सब ट्रस्‍ट पर छोड़ दीजिए। व्‍यर्थ में दु:खी की आवश्‍यक्‍ता नहीं है। मस्‍त रहिए और रायते का स्‍वाद लेते रहिए।